एक ओर जहां परिवहन मुख्यालय द्वारा बच्चों के स्कूल आवागमन के लिए ऑटो और ई रिक्शा पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं, वहीं जिला परिवहन विभाग द्वारा संबंधित स्कूलों को पहले ही पत्र भेजे गए थे और अभियान चलाकर इसे लागू करने की बात की गई थी. बावजूद इसके, इस आदेश को लागू करवाने में विभाग के अधिकारियों की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. सर्दी-गर्मी और बारिश में भी बच्चों का स्कूल आना-जाना जारी है। सुबह और शाम के समय अलग-अलग स्कूलों के बच्चे अब भी टोटो और ई रिक्शा से स्कूल आते-जाते देखे जा रहे हैं। अभिभावक भी बच्चों को इन वाहनों में बैठाने से परहेज नहीं कर रहे हैं. एक ऑटो चालक ने बताया, “हम लोग कई सालों से बच्चों को ऑटो और ई रिक्शा पर विद्यालय पहुंचा कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अगर यह रोक लगा दी गई, तो हम बेरोजगार हो जाएंगे। विभाग को इस पर सोचने की आवश्यकता है, ताकि हम भी अपना जीवन यापन कर सकें और बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो.
ऑटो व ई रिक्शा से बच्चों के स्कूल आवागमन पर रोक के आदेश की लगातार उड़ रही धज्जियां
