शराबबंदी की पोल खोलती तस्वीरें

समर्थ कश्यप= नवगछिया अनुमंडल के कोर्ट परिसर और एसपी, एसडीपीओ कार्यालय, मध्य निषेध सह उत्पाद थाना नवगछिया, लोक शिकायत कार्यालय, भवन निर्माण विभाग, पीएचडी विभाग, बीएमपी कार्यालय के समीप भारी मात्रा में विदेशी और देसी शराब की खाली बोतलें बिखरी मिलीं. यह जगह कोई आम इलाका नहीं बल्कि प्रशासन का अभेद्य किला माना जाता है, जहां जिले के सबसे बड़े अधिकारी बैठते हैं. सवाल यह उठता है कि जब कानून के रखवालों की नाक के नीचे ही शराब पी जा रही हो, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जाए? बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को राज्य में अपराध कम करने और समाज सुधार के उद्देश्य से लागू किया था. लेकिन इस घटना से यह साबित होता है कि यह कानून केवल कागजों तक सीमित रह गया है. प्रशासन और पुलिस विभाग की नाक के नीचे इस तरह की गतिविधियां चल रही हैं, तो पूरे राज्य में क्या हाल होगा, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है.

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